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Wednesday, April 8, 2020

भारत मे बननी शुरू हो गयी कोरोना वायरस के इलाज के लिए वेक्सीन।



कोरोना वायरस के ईलाज के लिए भारत मे भी वेक्सीन बनाने का काम मार्च महीने से ही चल रहा है ,जी हा आपने सही पढ़ा भारत भी अब पीछे नही इस मामले में।
दुनिया के बाकी सारे देशो की तरह भारत भी दिन रात इस महामारी से बचाव के लिए हर संभव कोशिश कर के हल खोज रहा है।
ऐसी परिस्थितियों में हमारे लिए ख़ुशी की बात यह है कि अब इसकी वेक्सीन भारत मे बननी शुरू हो गयी है।
गुजरात के अहमदाबाद में एक कंपनी जायडस कैडिला मार्च महीने से इस महामारी के ईलाज के लिए वेक्सीन बनाने का काम कर रही है,कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर श्रविल पटेल का कहना है कि उन्होंने अब इस दवा का प्रयोग जानवरो पर भी कर दिया है तथा यह दवा चार से छ महीने में बन जायेगी।
जायडस कैडिला कंपनी ने ही 2010 में स्वाइन फ्लू के ईलाज के लिए सबसे पहले वेक्सीन तैयार की थी।यही ही नही इसके अलावा मलेरिया के ईलाज में काम आने वाली हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन जिसका वर्तमान में उपयोग कोरोना के ईलाज के लिए किया जा रहा है उसके उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान है।
इप्का लैबोरेट्रीज व जायड़स कैडिला,यह दोनों कंपनिया मिलकर भारत मे जो कुल हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन बनता है उसका 80% यह बनाती है।
जायडस कैडिला हर महीने लगभग 20 टन हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का उत्पादन करता है।
जब तक कि यह वेक्सीन तैयार नही हो जाती तब तक ईलाज में काम आने वाली हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के उत्पादन को तेजी से करने के लिए इन दोनों कंपनियों के साथ कुछ कंपनियों को भारत सरकार ने 10 करोड़ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टेबलेट बनाने का आर्डर दिया है जो कि लगभग 50 से 60 लाख कोरोना के मरीज़ों के ईलाज में काम आयेगी।
अतः बाकी कुछ मात्रा मे दवाई अमेरिका और दूसरे देशों को निर्यात कर सके।

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